पिछले दिसम्बर में, मैं वाराणसी गयी थी। विमान से उतरने के बाद, मेरे मन को शान्ति की अनुभूति होने लगी। मुझे पता था, मैं एक ख़ास जगह आ रही हूँ। मैं शाम को बनारस पहुँची थी तो उस समय सड़क पर इतनी गाड़िया थीं कि सड़क भी है, नहीं मालूम हो रहा था। अरे, वहाँ का ट्रैफ़िक जाम सिंगापुर के ट्रैफ़िक जाम के समान नहीं है, मगर किसी न किसी तरह वहाँ की गाड़िया सब आगे बढ़ ही रही थीं! मुझे याद है, सड़क के किनारे से भूजा लिया था। भूजा गर्म था और मुझे अच्छा लगा। इस यात्रा में मैंने जाना कि, वाराणसी वालों को सुबह पूरी और…
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मेरी पहली भारत यात्रा -सोलांग वैली- माक काई फंग डैरन
भाषाएँ सीखने में मेरी काफ़ी रुचि रही है इसलिए अब तक कई भाषाएँ सीखने का प्रयास किया है| इसी क्रम में कुछ समय पूर्व मैंने हिंदी सीखना शुरू किया| तब सोचा भी नहीं था कि यह भाषा मैं सीख पाऊँगा और बोलने की कोशिश करूँगा| हिंदी भाषा सीखने के बाद मुझे पहली बार भारत जाने का मौक़ा मिला| इस साल मैं भाषा विज्ञान की पढ़ाई के सिलसिले में हिमाचल प्रदेश के एक ‘समर स्कूल’ में दस दिनों की कार्यशाला के लिए गया| मैं पहली बार भारत गया था और मुझे वास्तव में बहुत अच्छा लगा। ‘समर स्कूल’ तो हिमाचल प्रदेश में था, लेकिन उससे पहले एक दिन दिल्ली में रहा। मई का महीना था…
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वाराणसी
काशी ; शिव की नगरी